मनमोहन सिंह,प्रधानमंत्री,को ज्ञापन पत्र भजकरसंविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मिलित करने मांग की|
जयपुर | मनमोहन सिंह,प्रधानमंत्री को ज्ञापन पत्र भजकर संविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मिलित करने मांग की| ज्ञापन पत्र मै बातया की ,देश में इन जातियों के लोगों के सामाजिक पिछडेपन के कारण संविधान के 77 वें संशोधन में पदोन्नति में आरक्षण दिया गया है व 85 वें संशोधन से पदोन्नति मंे वरिष्ठता दी गई थी, उक्त संशोधनों को राज्य सरकारों द्वारा उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के अन्तर्गत समय पर लागू नहीं करने के कारण अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों के कार्मिकों को संविधान के 77 व 85 वें संशोधनों से वास्तविक हक नहीं मिल पाया है।
राजस्थान में सूरजभान मीणा व अन्य के उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 07.12.2010 व इससे संबंधित राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के निर्णय दिनांक 05.02.2010 के अनुसार राज्य सरकार को एम.नागराज प्रकरण में दिये दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही कर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने की कार्यवाही करनी थी, परन्तु विभिन्न कमियों/कारणों से अनु.जाति/जन जाति को न्याय नही मिल पा रहा है। इन जातियांे के बहुत से लोग पदोन्नति से वन्चित हो गये है व यह नुकसान निरन्तर जारी है। हरिनारायण बैरवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय बैरवा महासभा नै ज्ञापन पत्र मै बातया की अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों के कार्मिकों को संविधान के अनुच्छेद 16 (4ए) व संविधान के 77 वें और 85 वें संशोधनों के अन्तर्गत पदोन्नति में आरक्षण व वरिष्ठता दिनांक 17.06.1995 से पूर्व की भांति देने व संविधान संशोधन से संविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मिलित करने संबंधी विधेयक संसद में प्रस्तुत कराने की कार्यवाही कराने मांग की ।
www.divyatarang.com जयपुर दिनांक: 22.05.2012