अखिल भारतीय बैरवा महासभा (पंजि) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक समाज सुधार के निर्णय लिये
अखिल भारतीय बैरवा महासभा (पंजि.) की नवनिर्वाचित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 30.04.2017 को प्रातः 11.00 बजे किसान भवन, लालकोठी, जयपुर (राजस्थान) के तृतीय मंजिल के सभागार में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हरिनारायण बैरवा जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक के शुभारम्भ में महर्षि बालीनाथ जी महाराज की छाया चित्र पर श्री हरिनारायण बैरवा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री रतनलाल बैरवा राष्ट्रीय महामंत्री द्वारा माल्यार्पण किया गया कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों द्वारा पुष्प अर्पित किये गये। उक्त बैठक में श्री रतनलाल बैरवा, राष्ट्रीय महामंत्री द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एजेण्डा प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सम्मेलन मे आने वाले पदाधिकारियों का प्रान्तीय अध्यक्ष श्री कजोड मल बैरवा एवं प्रान्तीय महामंत्री श्री मोहनप्रकाश बैरवा एडवोकेट द्वारा स्वागत किया गया। श्री औमप्रकाश नागरवाल राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष द्वारा वर्ष 2015-16 का आय-व्यव का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिये गये कि अखिल भारतीय बैरवा महासभा का दिल्ली अथवा जयपुर मे स्वय का भवन बनवाये जाने की कार्यवाही की जावे। जमीन आवंटन कराने हेतु सम्बधित सरकार को मांग पत्र भेजा जाये। महासभा की सदस्यता संख्या बढाने के लिये अभियान चलाया जावे 31 दिसम्बर 2017 तक कम से कम 50 हजार सदस्य और बनाये जावें। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रति पदाधिकारी को कम से कम 100 सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया।
समाज के समुचित विकास एवं समाज सुधार लिये निम्न निर्णय लिये गयेः-
1. महर्षि बालीनाथ बोर्ड के गठन हेतु केन्द्र/राज्य सरकार से मांगी की जावे।
2. बालक के साथ-साथ बालिका को कम से कम स्नातक स्तर तक शिक्षा ग्रहण कराई जावे।
3. नशा मुक्ति-सार्वजनिक स्थलो/सार्वजनिक समारोह/पार्टी/गोठ/आदि मे शराब के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
4. तीये की बैठक मे भोजन प्रसादी एवं नास्ते की व्यवस्था पर प्रतिबंध रहेगा।
5. मृत्यु भोज पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, पगडी की रस्म में 100 रूपये से ज्यादा लेन देन नही की जावे। मृतक के सगे पुत्र-पुत्रवधु ही पूजा/पगडी रस्म पर बैठ सकेगे अन्य कोई भी नही। पगडी रस्म पर बैठे सगे पुत्र-पुत्रवधु के लिए ही पहरावनी की जा सकेगी। परिवार के किसी अन्य सदस्यो एवं सवासणों व सवासणी को पहरावनी नहीं की जावेगी। जौ/गेंहु सीचने वाले/वाली को भी केवल मुख्य रिस्तेदार एक ही पहरावणी कर सकेगी। सभी रिस्तेदारों द्वारा नही।
6. दांह संस्कार के समय नेगी रिस्तेदार (मुख्य रिस्तेदार को छोडकर) कपडो की रूढिवादी व्यवस्था को खत्म किया जावे। कपडों के स्थान पर नारियल अथवा माला/फूलो का उपयोग किया जाता है।
7. बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, दहेज प्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, सामुहिक विवाह को बढावा दिया जावें।
उक्त बैठक मे निम्न पदाधिकारी/कार्यकारिणी सदस्य/विशेष आमंत्रितएवं मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उज्जैन से अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित हुये।
विनोद कुमार बैरवा
मीडिया प्रभारी