विरोध प्रदर्षन डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी राजस्थान के तत्वाधान
दिनांक 25.1.2015 जयपुर। जयपुर लिटरेचर फैस्टीवल मे अपने उद्धबोधन में प्रो. नन्द किषोर आचार्य ने कहा कि ‘‘बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर का विद्रोह देष की जनता को बांटने का था उन्होने केवल दलित वर्ग के लिए काम किया है आजादी के आन्दोलन मे कोई कार्य नही किया था देष के अधिकांष भाग में रहने वाले आदिवासियों को गुमराह व तोडने की काषिष की हैं।‘‘
इसका विरोध प्रदर्षन डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी राजस्थान के तत्वाधान मे व विभिन्न दलित संगठनो के सैकडो पदाधिकारियो व छात्रों ने दिनांक 25.1.2015 को एस.एम.एस. हाॅस्पिटल से डिग्गी हाउस तक विरोध प्रदर्षन किया तथा अम्बेडकर अमर रहे के नारे लगाये तथा नन्द किषोर आचार्य के उद्धबोधन की कडी भत्र्संना की।
डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी राजस्थान के महासचिव हरिनारायण बैरवा व पूर्व न्यायाधीष टेकचन्द राहुल ने मीडिया को दिये इंन्टरव्यू मे बताया कि प्रो. नन्द किषोर का यह विचार इंतिहास के तथ्यो के विपरीत व बचकाना हरकत है क्योकि इतिहास साक्षी है कि डाॅ. अम्बेडकर ने हमेष देष की आजादी एकता, अखंण्डता तथा भारत के सभी वर्गो के कल्याण व विकास के लिये जीवन पर्यन्त कार्य किया है। इसका प्रमाण 1930 व 1931 के गोलमैज के सम्मेलन मे बाबा साहेब का प्रमुख योगदान है। जिसमे गाॅधी ने भारत को प्रोविषियल आॅटोनोमी की बात कही थी जबकि बाबा साहेब ने इसका घोैर विरोद्ध किया था उन्होने ब्रिटिष सरकार के सामने यह ठोस प्रस्ताव रखा था कि देष की सम्पूर्ण आजादी के अलावा कोई भी विकल्प स्वीकार नही है। देष को आजाद करना होगा।
भारत का संविधान इस बात का साक्षी है कि बाबा साहेब ने देष के हर वर्ग के लिए सविधान मे न्याय दिया है। भारतीय संविधान के प्रस्तावना में समानता, स्वतंत्रता, बधुत्वता एवं न्याय पर आधारित समाज व्यवस्था तथा व्यक्ति की गरिमा सुनिष्चित करने का प्रावधान बाबा साहेब के प्रयासो से किया गया है। विषेष कर आदिवासी वर्ग का डाॅ. अम्बेडकर ने संविधान की 5वी व 6वी अनुसूचि मे जो दलित वर्ग को नही दिये है। दुनिया के किसी भी देष के संविधान मे आदिवासियो के लिऐ ऐसी व्यवस्था नही है। इस लिये प्रो. नन्द किषोर आचार्य के विचार व्यक्तिगत दुर्भावना व दलित वर्ग को आहत व अपमानित करने वाली है। दलित व पिछडा वर्ग इस विचार की कठोर भत्र्संना करता है। प्रदर्षन मे डाॅ. एस.के. मोहनपुरिया वरिष्ठ उपाध्यक्ष, केप्टन मुकेष वाल्मिकी उपाध्यक्ष, लक्ष्मीनारायण वर्मा उपाध्यक्ष, मांगीलाल लेखरा उपाध्यक्ष, एडवोकेट बाबूलाल बैरवा कार्यकारिणी सदस्य, संजीव गोठवाल कार्यकारिणी सदस्य, छात्रनेता जीवन दिपक दातोनिया, सुनिल बाडेटिया, मोहन मेघवाल, रविराज, मुकेष खटीक, विनोद कुमार बैरवा, मुनीष देव, मनीष कुमार, धीरज, अमित, राहुल, करण, अवतार, सुनील रजवाडी, विनोद सौलकी, विजेन्द्र, नैमीचन्द मौर्य, सुवालाल रैगर आदि ने प्रदर्षन मे शामिल हुये।