शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दे- मुख्य अतिथि श्री हरिनारायण बैरवा
राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवला पंचायत झरना के प्रागंण में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष मे मुख्य अतिथि श्री हरिनारायण बैरवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय बैरवा महासभा ने ध्वजारोहन किया गया। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि ने बताया कि हम वीसवीं सदी में अंग्रेजों के सामाज्यवाद से मुक्त हुए एक देश के जीवन में 71 वर्ष कोई लम्बी अवधि नही होती 15 अगस्त 1947 के बाद की यह तीहाई शताब्दी अनेक दृष्टियों से उल्लेखनीय है।
हमने 71 वर्ष पूर्व एक ओर ब्रिटिश सामाज्य से मुक्ति पाई थी। वही दूसरी ओर सदियों से स्थापित देशी राजतंत्रों से आजादी मिली थी। यह एक और जहां भारतीय जनता पर सदियों से छाई रही राजनैतिक गुलामी से मुक्ति थी वही दूसरी ओर जनता की भागीदारी से अपना विकास करने का अवसर भी था।
इसलिए अब हमें यह मूल्यांकन करना चाहिए कि आजाद होने के बाद हमने अपने विकास के लिए क्या किया मोड दिये कहॉ कहॉ सफल हुए ओर कहॉ कहॉ अभी कमजोर बने हुए है।
1. आजाद होने के बाद हमने लोक तात्रिक देश का संविधान बनाया राजतंत्र के स्थान पर प्रजातंत्र की स्थापना की। अलग-अलग रियासतों को पूर्नगठित कर प्रान्तीय एवं राष्ट्रीय स्वरूप दिए।
2. आर्थिक विकास के लिए पंचवर्षीय योजना शुरू की निजी क्षेत्रों को बढावा देने के लिए मिश्रित आर्थिक ढांचा खडा किया। शिक्षा, कृषि, उद्योग, तकनीकि, स्वस्थ एवं शिक्षा का प्रावधान किया।
शिक्षा-
1. सभी बच्चों को कम से प्राथमिक स्तर तक मुक्त और अनिवार्य शिक्षा देने की नीति अपनाई गई 1986 मे तकनीकि शिक्षा, गुणात्मक शिक्षा को महत्व दिया।
2. 6 से 14 वर्ष तक के बच्चे बालक/बालिका को अनिवार्य शिक्षा।
3. 15 से 35 वर्ष प्रत्येक स्त्री/पुरूष को साक्षर करने का लक्ष्य/शिक्षा का अधिकार।
हमें राजनैतिक आजादी को वरकरार रखते हुए दूसरी आजादी-सामाजिक और आर्थिक एवं समता को प्राप्त करने के लिए भी कडा संघर्ष करना पडेगा।
इस अवसर पर श्री हरिनारायण बैरवा द्वारा सभी स्कूल के छात्र/छात्राओं को स्कूल यूनिफार्म व लेखन साम्रगी निःशुल्क वितरित की गई।
(विनोद कुमार बैरवा)
मीडिया प्रभारी