सेवा भाव ही सर्वोचता की और पहु चता है: महासचिव
जयपुर जिले की तहसील सांगानेर के गांव किशोरपुरा में सन् 1950 को जन्मे हरिनारायण बैरवा डाॅ. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के चुनाव 10 अप्रेल 2012 में महासचिव पद के लिए हरिनारायण बैरवा निर्वाचित हुए हैं।उन्हों ने अपने प्रतिदंद्वी महावीर प्रसाद वर्मा ;आरएएस को 336 वोटों से हराया । आपने राजस्थान विश्वविद्यालय में संस्कृत से एम.ए. कर पण्डितों को लोहा मनवाया र्है। आप मैट्रिक परीक्षा 1970 में सम्पूर्ण राजस्थान में द्वितीय स्थान (75.75) प्राप्त कर अजमेर बोर्ड से रजत पदक से सम्मानित है। राजकीय सेवाओं में आपने सत्र 1978 से 1984 तक काॅलेज शिक्षा में व्याख्याता पद पर तथा 1984 से 1994 तक जिला परिवहन
अधिकारी पद पर सराहनीय सेवा दी है। तत्पश्चात् आपको सहायक परिवहन आयुक्त, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी तथा अतिरिक्त परिवहन आयुकत जैसे पदों पर सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
आपकी अतिरिक्त परिवहन आयुक्त पद से सेवानिवृति कुशल प्रशासक के रूप में एक शानदार सफलता है तो तारीफ के काबिल है। इस हेतु आपको विभाग द्वारा प्रशंसनीय राज्य सेवा एवं कुशल कार्य निष्पादन की सराहना में राज्य स्तरीय योग्यता प्रशंसा प्रमाण पत्रों से सरोबार किया गया।
विभाग में निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व वसूल करने एवं प्रशंसनीय कार्य करने पर विभागाध्याक्ष एवं जिला कलक्टर द्वारा प्रशंसा/प्रशस्तिपत्र मिलने पर सामान्य वर्ग के अधिकारी भी लोहा मानते थे। आपको जिला कलक्टर, उदयपुर, सवाईमाधोपुर, बांसवाडा आदि ने सम्मानित किया है।
सामाजिक कार्यकलापों में भी आप यथा समय देकर समाज सेवा में तन-मन व धन से अहम भूमिका निभाई है, जिसमें वर्तमान में आप अखिल भारतीय बैरवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष,
डाॅ. अम्बेडकर प्रगतिशील युवा संस्था राजस्थान पाली के प्रदेश अध्यक्ष तथा डाॅ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी शाखा उदयपुर राजस्थान के अध्यक्ष पद पर रहकार
आप को लगातार सफलता पर .सफलता मिल रही है आप की पुत्री श्रीमती शारदा साध वरतमान मै सूरज पौल आनाज मन्डी के चेयरमन पद पर है अतक मेहनत से कुशल एवं बेदाग प्रशासक की छाप छोड़ी है
समाजसेवा कर अपनी पहचान बनाकर युवाओं को समाज सेवा का जज्बा दिया है। कर्तव्य परायणता का परिचय देजे हुए जीवन को लगातार तथा संघर्षशील का पाठ पढ़ाया हैं ईमानदारी, सच्चाई तथा कडी मेहनत आपके आभूषण कहे जाते है। समाजसेवा का जज्बा आपमें कूट-कूट कर भरा है। इसी दौरान आपने जो भी जिम्मेदारी मिली है उसे बखूबी से निभाया है, जिनमें समुदाय के साथ अगर कहीं अत्याचार भी हैं तो आप वहंा सबसे पहले मौजूद है, समस्या निवारण हेतु जो भी सामाजिक, राजनैतिक एवं प्रशासनिक स्तर पर समन्वयन बिठाकर आपने समुदाय की समस्या का समाधान करवाया है। इसलिए आपको सभी लोग ‘लौह पुरूष’ का दर्जा देते हुए आपकी कुर्सी को सलाम करते है।
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